शहीद दिवस 23 मार्च 2024 | 23 मार्च को शहीद दिवस क्यों मनाया जाता है,
सन् 1931 23 मार्च को ब्रिटेन ने भारत में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भगत सिंह, शिव राम राजगुरु और सुखदेव थापर को फाँसी में फाँसी दी थी, आज़ादी की लड़ाई में हँसते- हँसते जान कुर्बान करने वाले हम आदमी हैं, इसी तरह 23 मार्च को शहीद दिवस मनाया गया होता है
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23 मार्च को क्रांतिकारी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की श्रद्धांजलि को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसमें 1931 में अंग्रेजों ने फांसी में फाँसी दी थी, 1928 में संशोधन के लिए पुलिस डिग्रीक्षक जेन सैंडर्स की हत्या का खुलासा हुआ था, लाला लाजपत राय की मौत, जब लाहौर सेंट्रल जेल में फाँसी दी गई थी तब भगत सिंह 23 साल के थे, राजगुरु 22 साल के थे सुखदेव 23 साल के थे | शहीद दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शाम 6:00 बजे, वीडियो मनोरंजन के माध्यम से कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल हॉल में, बिप्लोबी भारत गैलरी का उद्घाटन करेंगे,
भगत सिंह के बलिदान कैसे हुए, स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल होने के लिए प्रेरित किया गया,
भगत सिंह भारत के स्वतंत्र आंदोलन के सबसे प्रमुख क्रांतिकारी क्रांतिकारियों में से एक थे, उनका जन्म 28 सितंबर 1907 को पंजाब के भारत में हुआ था, वे अंग्रेजों के साथ थे जंग चल रही थी हमारी तो भगत सिंह ने निभाई है बहुत अहम भूमिका,
रेहान फ़ज़ल